बदायूं। अंजुमन ज़ुल्फ़िक़ार ए हैदरी रजि0 बदायूं ने 8 रबीउल अव्वल 1445/24 सेप्टेम्बर 2023 (इतवार) को अलविदाई जुलूस इमामबाड़ा मुत्तक़ीन, बदायूं से करबला काज़ी हौज़, बदायूं में जा कर सम्पन्न किया।
मजलिस को आली जनाब मौलाना नुसरत अली ज़ैदी कानपुरी ने ख़िताब किया। हज़रत इमाम हसन अस्करी अस की शहादत के ग़म में और अय्यामे अज़ा का आखिरी अलम ए मुबारक का जुलूस निकला।
मुहल्ला सय्यद बाड़ा इस्थित इमामबारगाह मुत्तक़ीन में मजलिस हुई जिसमें ग़ुलाम अब्बास ने मरसिया पढ़ा तथा मौलाना नुसरत अली ज़ैदी ने मजलिस को ख़िताब करते हुए कहा कि हज़रत रसूले खुदा ने भाईचारा कायम करने और अहलेबैत से मुहब्बत करने का पैगाम दिया था तो वही यज़ीद ज़ुल्म व अत्यायाचारों के बल पर हुकूमत करना चाहता था इसलिए वह इंसानियत का कत्ल कर रहा था। कर्बला की जंग
हक़ और बातिल की थी। कर्बला के मैदान में यज़ीदी की फ़ौज ने हज़रत इमाम हुसैन और उनके 72 साथियों को शहीद कर दिया। हज़रत इमाम हसन असकरी अ स की शहादत के ग़म में अलम ए मुबारक का जुलूस निकाला। जुनैद अब्बास, कैफ़ी ज़ैदी, रज़ा ज़ैदी ने नोहा पढे। शिया समुदाय के इमामबाड़ों व अज़ाखानों पर अलविदाई मजलिसे मुनक़ीद हुई। अनवर आलम, जाबिर ज़ैदी, ऐहसान रज़ा, इसरार अहमद ज़ैदी, इक़रार अहमद ज़ैदी, साइब रिज़वान, मोहम्मद रज़ा आदि लोग शामिल हुए।