संभल । निवासी मोहम्मद सलीम पेशे से अधिवक्ता है उन्होंने अपनी कार का बीमा आईसीआईसीआई लोंबार्ड जनरल इंश्योरेंस कंपनी से कराया हुआ था 4 सितंबर 2023 की रात्रि लगभग 8:00 बजे वह अपने निजी कार्य से अमरोहा को जा रहे थे कि रास्ते में एक आवारा पशु को बचाने के चक्कर में गाड़ी अनियंत्रित होकर डिवाइडर में जा टकराई जहां उनकी गाड़ी क्षतिग्रस्त हो गई जिसकी सूचना अधिवक्ता सलीम द्वारा इंश्योरेंस कंपनी को दी गई इंश्योरेंस कंपनी के सर्वे द्वारा गाड़ी का सर्वे किया गया और गाड़ी की मरम्मत करने के लिए कहा गया जहां मरम्मत पर 36026 रूपये व्यय हुए जिसकी धनराशि की मांग मो सलीम द्वारा बीमा कंपनी से की गई तो बीमा कंपनी ने
अधिवक्ता को यह कहकर धनराशि देने से इनकार कर दिया कि उनका वाहन प्राइवेट टैक्सी के रूप में प्रयोग किया जा रहा था तब उनको काफी दुख हुआ तब उन्होंने उपभोक्ता मामलों की विशेषज्ञ अधिवक्ता लव मोहन वार्ष्णेय से संपर्क किया और आप बीती घटना बताई तो अधिवक्ता लव मोहन वार्ष्णेय द्वारा उनकी ओर से एक परिवाद जिला उपभोक्ता आयोग जनपद संभल में प्रस्तुत किया गया जहां आयोग द्वारा बीमा कंपनी को तलब किया गया बीमा कंपनी ने आयोग को अवगत कराया की अधिवक्ता का प्रश्नगत वाहन प्राइवेट टैक्सी के रूप में चलाया जा रहा था जिस कारण उसकी मरम्मत पर हुए वह की धनराशि बीमा अनुबंध के नियमों के तहत दिया जाना संभव नहीं हैजिसका विरोध परिवादी के अधिवक्ता लव मोहन वार्ष्णेय द्वारा किया गया और उपभोक्ता आयोग को बताया कि बीमा कंपनी आइसीआइसीआइ जनरल इंश्योरेंस कंपनी विमित धनराशि दिए जाने से बचने के कारण मनगडंत व झूठे तथ्यों के आरोप लगाकर परिवादी को वाहन में हुई क्षति की धनराशि अदा करने से बचने के लिए यह आरोप लगाए गए हैं विपक्षी को चुनौती दी जाती है कि यदि प्रश्न वाहन प्राइवेट टैक्सी के रूप में चलाया जा रहा था तो उसके संबंध में अपना साक्ष्य प्रस्तुत करें जिस पर विपक्षी द्वारा अपना साक्ष्य शपथ पत्र के माध्यम से ही आरोप को सिद्ध करने के लिए दिया गया जिसका विरोध अधिवक्ता लव मोहन वार्ष्णेय द्वारा किया गया और मोहम्मद सलीम की ओर से अपनी कड़ी पैरवी कर आयोग को अवगत कराया की बीमा कंपनियां जान बूझ कर बीमा धारकों को क्लेम देने से इंकार करती हैं जिस कारण मजबूर होकर उन्हें आयोग का दरवाजा खटकाना पड़ता है ऐसी स्थिति में पराबादी के वहान की मरम्मत पर गए हुए धनराशि 36026 रुपए मय ब्याज सहित परवादी को दिलाये जाए तथा उनका आर्थिक कष्ट व मानसिक हानी की धनराशि दिलाई जाए दोनों पक्षों को सुनकर अपना निर्णय देते हुए जिला उपभोक्ता आयोग ने विपक्षी को आदेशित किया कि वह परवादी को प्रश्नगत वाहन की मरम्मत पर हुए व्यय की धनराशि 36026 रूपये तथा उस पर परिवाद प्रस्तुत करने की तिथि से 7% वार्षिक ब्याज सहित मुकदमा ता अदायगी अदा करें साथ ही ₹10000 मानसिक का आर्थिक हानि की मद में तथा ₹5000 वाद व्यय के भी अदा करें।