बदायूं।जब मोहित बाल्मीकि की पत्नी को ख़ून की ज़रूरत पड़ी, तो डॉ. शकील अहमद अंसारी, जो एक जाने-माने समाजसेवी और चिकित्सक हैं, ने बिना किसी भेदभाव के अपना रक्त देकर जच्चा और बच्चा की जान बचाई।
यह सिर्फ़ एक रक्तदान नहीं, बल्कि हिंदू-मुस्लिम एकता और इंसानियत की बेहतरीन मिसाल है। आज के दौर में जब समाज को एकता और भाईचारे की सबसे ज़्यादा ज़रूरत है, ऐसे में डॉ. शकील अहमद अंसारी ने यह साबित कर दिया कि पहले इंसानियत आती है, फिर धर्म।
👏 सलाम है ऐसे नेकदिल इंसानों को, जो समाज को जोड़ने का काम कर रहे हैं!
❤️ रक्तदान – सबसे बड़ा दान! इंसानियत – सबसे बड़ा धर्म!