इमामबाड़ा मुत्तकीन सैयदबड़ा बदायूँ में आयोजित हुई जश्न-ए-ईद-ए-ग़दीर की रौनक़दार महफ़िल

बदायूँ।इमामबाड़ा मुत्तकीन सैयदबड़ा बदायूँ में ईद-ए-ग़दीर के मौके पर एक  रवक़ार और रूहानी महफ़िल का आयोजन किया गया। इस महफ़िल का इनक़ाद जनाब मुशर्रफ़ हुसैन साहब और उनके फ़रज़ंद जनाब शिराज़ रिज़वी साहब की जानिब से किया गया।

महफ़िल की निज़ामत के फ़रायज़ जनाब डॉक्टर ग़ुलाम अब्बास साहब ने अंजाम दिए। बच्चों और शायरों ने अपनी दिलकश पेशकशों से महफ़िल की रौनक़ को चार चाँद लगा दिए।

इस मौके पर जनाब ज़ैनुल अबा ज़ैदी ने ख़ास तक़रीर पेश की। उन्होंने कहा कि ईद-ए-ग़दीर वो मुबारक दिन है जब दीन-ए-इस्लाम की तकमील हुई और पैग़ंबर मोहम्मद ﷺ ने अल्लाह के हुक्म से मौला अली इब्ने अबी तालिब (अ.स.) की विलायत का ऐलान किया।

महफ़िल में जाबिर ज़ैदी, फ़हीम हैदर, डॉक्टर अमीर हसन आबिदी, एहसान रज़ा और जरार हैदर, अमन आलम समेत कई अहेम शख्सियतों ने शिरकत की।

महफ़िल के बाद तमाम अज़ादारों और हाज़रीन ने एक-दूसरे को गले लगाकर ईद-ए-ग़दीर की मुबारकबाद दी और आपसी मोहब्बत व भाईचारे का पैग़ाम दिया।

यह महफ़िल न सिर्फ़ एक मजहबी जलसा थी, बल्कि अकीदत और विलायत-ए-अली (अ.स.) के पैग़ाम को आम करने का एक अहम ज़रिया भी साबित हुई।

शकील भारती संवाददाता

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