उपभोक्ता आयोग ने मारुति पर ठोंका 2 लाख का जुर्माना


– एम्बुलेंस की कीमत में मनमानी वसूली पर कंपनी और डिट्रीब्यूटर को दोषी ठहराया

बदायूं। जिला उपभोक्ता आयोग ने मारुति ईको एम्बुलेंस की तयशुदा बुकिंग रकम से अधिक वसूलने को सेवा में कमी माना है। कंपनी के डिस्ट्रीब्यूटर और विक्रेता को दोषी ठहराया है। आयोग ने आदेश दिया है कि वसूली गई अधिक रकम ब्याज सहित उपभोक्ता को लौटाई जाए।
वादी डॉ. अजरा बी, जो पेशे से चिकित्सक हैं। उन्होंने 2017 में अपनी चिकित्सीय जरूरतों के लिए मारुति कंपनी की एक ईको एम्बुलेंस 4.02 लाख रुपए में कंपनी के अधिकृत विक्रेता कोरल मोटर्स से बुक की थी। इसके लिए उन्होंने 10 हजार रुपए एडवांस जमा किए थे। डिलीवरी के लिए बार-बार कहने के बावजूद विक्रेता ने तरह-तरह के बहाने बनाए और कई साल तक वाहन नहीं दिया। आखिरकार नवंबर 2023 में एम्बुलेंस की डिलीवरी दी गई, लेकिन तयशुदा कीमत के विपरीत 7.95 लाख की वसूली की गई। साथ ही यह आश्वासन दिया कि कंपनी से स्वीकृति मिलने के बाद वसूली गई अतिरिक्त रकम लौटा दी जाएगी।

काफी समय बीत जाने के बाद भी रकम वापस न होने पर डॉ. अजरा बी ने अपने अधिवक्ता जियाउर रहमान समी के माध्यम से जिला उपभोक्ता आयोग में परिवाद दायर किया। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने और साक्ष्यों की समीक्षा करने के बाद आयोग के अध्यक्ष संजीव यादव और सदस्य अनिता ने आदेश पारित किया कि विपक्षी कोरल मोटर्स परिवादिनी को 2.1 रुपए प्राप्ति की तिथि से छह प्रतिशत वार्षिक ब्याज सहित अदा करे। साथ ही 2,500 रुपए वाद खर्च के रूप में भी भुगतान करने के निर्देश दिए।

शकील भारती संवाददाता

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