बदायूं। मदरसा आसिम उल उलूम बर वाली मस्जिद मोहल्ला सोथा में 12 तुलबा ने कुरआन शरीफ की तालीम हासिल की और कुरआन शरीफ मुकम्मल किया। देर शाम एक कार्यक्रम आयोजित कर कुरआन शरीफ मुकम्मल करने वाले सभी बच्चों को सम्मानित किया गया। मौलाना अजीम कादरी, हाफिज जीशान कादरी आदि ने नात शरीफ पढ़कर महफिल को नूरानी बना दिया।
शहर के मोहल्ला सोथा स्थित मदरसा आसिम उल उलूम बर वाली मस्जिद में पढ़ने वाले 12 बच्चों ने कुरआन शरीफ की पढ़ाई मुकम्मल की।उन्हें हाफिज व आलिम मोहम्मद ज़ीशान क़ादरी ने कड़ी मेहनत के साथ कुरआन शरीफ पढ़ाया। इन सभी बच्चों ने डेढ़ से तीन वर्षों में कुरआन मुकम्मल किया।
इस मौके पर मो. राशिद कादरी उर्फ राजू की जानिब से कुरआन मुकम्मल करने वाले सभी बच्चों को कुरआन शरीफ और गिफ्ट का इंतजाम किया गया।
इस मौके पर मेहमाने खुसूसी मदरसा आलिया कादरिया के हाफ़िज़ मौलाना मुहम्मद खालिद के हाथों से बच्चों को गिफ्ट देकर सम्मानित कराया गया। इस मौके पर उन्होंने बच्चों के बेहतर मुस्तकबिल की दुआ करते हुए कहा कि कुरआन शरीफ का केवल पढ़ना ही जरूरी नहीं बल्कि उसको समझना बहुत जरूरी है। जब कुरआन शरीफ की एक एक सूरत का मतलब समझेंगे तभी इस्लाम को सही ढंग से समझ सकेंगे। उन्होंने कहा कि ये बहुत खुशी की बात है कि आज हाफिज व आलिम मोहम्मद ज़ीशान क़ादरी ने कड़ी मेहनत व काविशों से जिन बच्चों ने कुरआन शरीफ पढ़ने का इल्म हासिल किया है इन सभी बच्चों के साथ ही उनके वालिदैन और उस्ताद मुबारकबाद के हकदार हैं।
हाफिज व आलिम मोहम्मद ज़ीशान क़ादरी ने मुबारकबाद देते हुए कहा कि कुरआन हमें प्यार और भाई चारे से रहने का संदेश देता है। अपने पड़ोसियों की परेशानी में बिना किसी भेदभाव के मदद करें। ऐसा कोई काम न जिससे किसी को परेशानी हो। अपने मुल्क के प्रति वफादार रहे, यही इस्लाम सिखाता है।
इन्हें किया सम्मानित
इस मौके पर जैनल आबिदीन कादरी, तौहीद कादरी, अरमान कादरी, मो.हमजा, अरशद, मु. गैस , मो. असद, सदफ कादरी, महक बी, फलक नाज को कुरआन की तालीम मुकम्मल करने पर कुरान ए मजीद और गिफ्ट देकर सम्मानित किया गया। सभी लोगों को शर्बत तकसीम किया गया।