मुंबई:
गुजरात के आनंद जिले के एक साधारण परिवार में जन्मे गुलाब सलाट आज भारतीय सिनेमा के उभरते हुए एक्शन एक्टर के रूप में अपनी पहचान बना चुके हैं। गरीबी, संघर्ष और असफलताओं के बावजूद उन्होंने कभी हार नहीं मानी। उनका जीवन हर उस युवा के लिए प्रेरणा है जो बड़े सपने देखता है लेकिन हालात से हार जाता है।

हाल ही में लोक गौरव राष्ट्रीय एकात्मता परिषद द्वारा आयोजित राष्ट्रीय एकता सम्मान महासंमेलन (राज्यस्तरीय लोक सेवा गौरव अवार्ड) में गुलाब सलाट को उनके उत्कृष्ट अभिनय और समाजसेवी कार्यों के लिए अभिनंदन पत्र और पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर उन्होंने विशेष रूप से नासिर खान सर और सलमा खान मैडम का आभार व्यक्त किया।

संघर्ष की शुरुआत — तंबू से मुंबई तक का सफर
गुलाब के पिता तम्मा भाई सलाट बेहद गरीब थे और उन्होंने अपना जीवन एक खाट-तंबू में बिताया। लेकिन उन्होंने अपने बेटे के सपनों को मरने नहीं दिया। बचपन से ही गुलाब फिल्मों की दुनिया से आकर्षित थे। मात्र आठ साल की उम्र में उन्होंने अपने पिता से कहा — “एक दिन मैं फिल्मों में काम करूंगा।”

पिता ने बेटे के सपनों के लिए दिन-रात मेहनत की और उन्हें ऑल इंडिया वाडो काई कराटे दो अकादमी में दाखिला दिलाया। यहीं से गुलाब ने अपनी राह तय की — एक्शन और मार्शल आर्ट के माध्यम से फिल्मी दुनिया में पहचान बनाना।
हैदराबाद से मुंबई तक — मेहनत और धोखे की कहानी
डांस और जिमनास्टिक में निपुणता हासिल करने के लिए गुलाब हैदराबाद गए और एक साल की डिग्री प्राप्त की। इसके बाद उनके पिता उन्हें लेकर मुंबई पहुंचे ताकि उन्हें फिल्मों में काम मिल सके।
लेकिन किस्मत ने परीक्षा ली — एक डायरेक्टर ने उनके पिता से ₹15,000 लेकर काम दिलाने का झूठा वादा किया। ठगे जाने के बाद दोनों निराश होकर वापस आनंद लौट आए। कुछ समय बाद पिता का निधन हो गया, जो गुलाब के जीवन का सबसे कठिन दौर था।
संघर्ष से सफलता तक
पिता की मृत्यु के बाद भी गुलाब ने हिम्मत नहीं हारी। उन्होंने कराटे सिखाना शुरू किया, छोटे-छोटे स्टेज शो किए और अपनी मेहनत से घर चलाया। परिवार की जिम्मेदारी उठाते हुए उन्होंने अपने पिता का सपना पूरा करने का निश्चय किया।
लगातार प्रयासों के बाद उन्हें टीवी सीरियल ‘जय जय जग जननी दुर्गा मां जय बजरंगबली’ में काम करने का अवसर मिला और यहीं से उनकी असली फिल्मी यात्रा शुरू हुई।
अब एक्शन ही पहचान है
गुलाब सलाट आज एक प्रशिक्षित एक्शन एक्टर हैं। उन्होंने मार्शल आर्ट, कराटे, जिमनास्टिक, योगा, बॉडी स्टंट, ब्रेक डांस, लाठी, ननचाकू, तलवारबाजी, राइफल शूटिंग और फिल्मी अभिनय में महारत हासिल की है।
उनका कहना है —
“मैं अपने पिता का नाम रोशन करने का सपना जल्द ही पूरा करूंगा।”
गुलाब सलाट की यह कहानी सिर्फ एक अभिनेता की नहीं, बल्कि उस भारतीय युवा की प्रेरणादायक दास्तान है जो हालात से नहीं, बल्कि अपने हौसलों से जीतता है।

शकील भारती संवाददाता