
बदायूँ।प्रदेश के पशुधन एवं दुग्ध विकास मंत्री धर्मपाल सिंह ने बदायूं में विकास भवन में आयोजित बैठक में गौ संरक्षण, भूसा प्रबंधन, और चारागाहों की स्थिति पर चर्चा की। मंत्री ने स्पष्ट किया कि निराश्रित गौवंशों का संरक्षण सरकार की प्राथमिकताओं में है।

मुख्य बिंदु संक्षेप में:
- अनुपस्थित अधिकारी पर कार्रवाई: पशु चिकित्सा अधिकारी म्याऊं की बैठक में अनुपस्थिति पर एक दिन का वेतन काटा गया और स्पष्टीकरण मांगा गया।
- अवैध कब्जे हटाने के निर्देश: गौचर भूमि से अवैध कब्जा हटाकर चारागाह के लिए चारा बोने के आदेश, कब्जाधारियों को जेल भेजने की चेतावनी।
- मोबाइल वैन सुविधा: 1962 टोलफ्री नंबर पर कॉल कर पशुपालक मोबाइल वैन से उपचार सुविधा प्राप्त कर सकते हैं। जनपद को 13 मोबाइल वैन मिली हैं।
गौशालाओं के विकास पर जोर: वृहद गौशालाओं का निर्माण, निरीक्षण और विकास कार्य तेज करने के निर्देश। एक वृहद गौशाला का प्रस्ताव शासन को भेजने को कहा गया।
- धन की कोई कमी नहीं: गौ संरक्षण हेतु पर्याप्त धन उपलब्ध, सहभागिता योजना में प्रति गौवंश सहायता राशि 50 रुपए की गई।
- स्थानीय जनप्रतिनिधियों का योगदान: विधायक व पूर्व एमएलसी द्वारा 100-100 कुंतल चारा गौवंश के लिए देने की घोषणा।
- गोबर व गौकाष्ठ के उपयोग को बढ़ावा: गाय के गोबर से पेंट, वर्मी कंपोस्ट व गौकाष्ठ निर्माण जैसे कार्यों को बढ़ाने के निर्देश।
- सौर ऊर्जा व गर्मी से बचाव: गौशालाओं में शेड, तिरपाल, पानी, सफाई और सौर ऊर्जा की व्यवस्था सुनिश्चित करने के आदेश।
- कृषि व पशुपालन के संतुलन पर बल: मंत्री ने कहा कि खेती और पशुपालन एक-दूसरे के पूरक हैं और किसानों की आय दोगुनी करने में सहायक हैं।
इस बैठक में जनप्रतिनिधि, जिलाधिकारी, एसएसपी, उप जिलाधिकारी व अन्य अधिकारी उपस्थित रहे। मंत्री ने प्रेसवार्ता कर जनपद में गौ संरक्षण के लिए की गई व्यवस्थाओं की जानकारी साझा की।
