नवादा चौकी पर तैनात कांस्टेबल को एंटी करप्शन टीम ने रिश्वत लेते पकड़ा

बदायू। दस हजार रुपये की रिश्वत लेते पकड़े गये हेड कांस्टेबल को पुलिस ने कोर्ट में पेश किया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया। इससे पहले रिश्वतखोर हेड कांस्टेबल को एसएसपी ने निलंबित कर दिया।

आरिफपुर नवादा के रहने वाले शादाब ने 25 जनवरी को एंटी करप्शन टीम बरेली से शिकायत की थी। जिसमें शादाब ने बताया कि जमीन से जुड़ा विवाद निपटवाने के नाम पर भगत सिंह पुलिस चौकी पर तैनात चौकी प्रभारी व हेड कांस्टेबल मनोज भार्गव रिश्वत मांग रहा है। जिसके बाद एंटी करप्शन टीम ने ने बुधवार को प्री ट्रैपिंग कर चौकी इंजार्च व हेड कांस्टेबल मनोज भार्गव को गिरफ्तार कर लिया। जिसके बाद मनोज पर मुकदमा दर्ज करने के बाद हेड कांस्टेबल मनोज को निलंबित कर आज गरुवार को जेल भेज दिया गया है।

दरअसल आरिफपुर नवादा के रहने वाले शादाब ने हेड कांस्टेबल मनोज भार्गव और नवादा भगत सिंह चौकी इंजार्च पर आरोप लगाया था कि उनकी मां नजरीन बेगम पत्नी विलाल उद्दीन ने

100 गज जमीन, शाहबुउद्दीन एवं शाहबुद्दीन की पत्नी मुजस्सिम को 50 गज और करीम एवं उनकी पत्नी रुकसार को 50 वर्ग गज जमीन का बैनामा लगभग 13 लाख रुपये में किया था। इन सभी लोगों ने बैनामा कराने के दौरान सिर्फ 10 लाख 50 हजार रुपये थे। जब उन्होंने तीन लाख रुपये मांगे बिलालउद्दीन, शाहबउद्दीन और करीम ने थाना सिविल लाइन को शादाब के पिता के खिलाफ भू-माफिया शिकायत कर दी।

उसके शिकायत के निस्तारण के लिए चौकी इंचार्ज और कांस्टेबल मनोज भार्गव और सिपाही जयपाल उसके घर आए और चौकी आकर मामले में समझौता कराने की बात की। जिसके बाद एंटी करप्शन टीम ने कांस्टेबल मनोज भार्गव और चौकी इंचार्ज को पकड़ा था। जांच में कांस्टेबल मनोज भार्गव दोषी पाया गया जबिक चौकी इंचार्ज को दोष मुक्त होने पर उन्हें छोड़ दिया गया।

 शकील भारती संवाददाता

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