मुजफ्फरनगर। जनपद शामली और मुजफ्फरनगर में पत्रकारों पर हो रहे उत्पीड़न के खिलाफ सोमवार को जिले के पत्रकारों ने जिलाधिकारी को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। पत्रकारों ने थाना भवन क्षेत्राधिकारी के निलंबन और उनके खिलाफ विभागीय जांच की मांग की।
पत्रकारों ने आरोप लगाया कि शामली जनपद के कस्बा थाना भवन में समाचार पत्र के पत्रकार फरमान अली को दुष्कर्म के झूठे मुकदमे में फंसाया गया है। इससे पहले भी उनके खिलाफ एससी/एसटी एक्ट और हत्या जैसे संगीन मामलों में फर्जी तरीके से नाम दर्ज किया गया था, जिसमें पुलिस जांच में वह निर्दोष साबित हुए थे।
पत्रकारों का कहना है कि थाना भवन में अस्पताल संचालकों पर दुष्कर्म का आरोप लगाने वाली पीड़िता को बहला-फुसलाकर पत्रकार का नाम भी मामले में जोड़ा गया है। इस घटनाक्रम को देखते हुए पत्रकार निष्पक्ष जांच और न्याय की मांग कर रहे हैं।
प्रदेशभर के पत्रकारों ने चेतावनी दी है कि अगर पत्रकारों पर हो रहे उत्पीड़न पर रोक नहीं लगी तो वे सड़कों पर उतरकर बड़ा आंदोलन करेंगे। इसी कड़ी में मुजफ्फरनगर के पत्रकारों ने सोमवार को जिलाधिकारी से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा। पत्रकारों ने आरोप लगाया कि स्थानीय पुलिस अधिकारी निजी रंजिश के तहत पत्रकारों को झूठे मामलों में फंसा रहे हैं।
इस मामले को लेकर शामली जनपद के पत्रकारों ने भी पुलिस अधीक्षक और जिलाधिकारी से निष्पक्ष जांच कर पत्रकार को न्याय दिलाने की मांग की है। वहीं, पत्रकारों का एक प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलकर इस मुद्दे को उठाएगा।
पत्रकारों का कहना है कि उत्तर प्रदेश में पत्रकारों के खिलाफ बढ़ते फर्जी मुकदमे और उत्पीड़न के मामले बेहद चिंताजनक हैं। यदि जल्द ही निष्पक्ष जांच कर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं की गई तो प्रदेशभर में बड़ा आंदोलन किया जाएगा।