प्रसिद्ध शास्त्रीय गायक पद्मभूषण उस्ताद राशिद खान का कोलकाता में निधन,

कोलकाता से पार्थिव शरीर बदायूं लाया जाएगा

बदायूं के छोटे सरकार स्थित कब्रिस्तान में किया जाएगा दफन

बदायूं। यूं तो बदायूं में कई ऐसी हस्तियां गुजरी है जिन्होंने बदायूं का नाम रोशन किया है । राशिद अली खान ने भी बदायूं का नाम रोशन किया बदायूं में जन्मे

प्रसिद्ध शास्त्रीय गायक पद्मभूषण उस्ताद राशिद खान क मंगलवार को निधन हो गया। 55 वर्षीय संगीत सम्राट प्रोस्टेट कैंसर से पीड़ित थे। उनका काफी समय से कोलकाता के अस्पताल में इलाज चल रहा था। राशिद अली खान का पार्थिक शरीर 11 जनवरी को  बदायूं लाया जा रहा है जो की छोटे सरकार स्थित कब्रिस्तान में उनका पार्थिव शरीर सुबह लगभग 11:00 बजे दफन किया जाएगा किया जाएगा अस्पताल चिकित्सको के अनुसार राशिद ने दोपहर 3.45 बजे अंतिम सांस ली। वह पिछले एक महीने से वेंटिलेटर पर थे और उन्हें ऑक्सीजन सपोर्ट मिल रहा था।

रामपुर-सहसवान घराने से ताल्लुक रखने वाले मशहूर गायक पद्मभूषण उस्ताद राशिद खान का जन्म एक जुलाई 1968 को शहर के मोहल्ला कबूलपुरा में हुआ था। इनके पिता का नाम हामिद रजा एवं माता का नाम सादरी बेगम था। उस्ताद पद्मभूषण राशिद खान के नाना उस्ताद निसार हुसैन खान शास्त्रीय संगीत के गायक थे। ऐसे में इन्होंने भी संगीत की तालीम अपने नाना से हासिल की और उन्हें अपना उस्ताद बना लिया था। कम उम्र में ही वह कोलकाता आईटीसी संगीत रिसर्च एकेडमी चले गये थे, वहां पर आगे की शिक्षा ली एवं

वहीं पर शादी कर ली। इनके बेटा अरमान खान भी शास्त्रीय संगीत में रुचि रखते हैं। राशिद खान के निधन की खबर मंगलवार को जैसे ही बदायूं के लोगों को मिली तो शोक की लहर दौड़ गई। उनके घराने से ताल्लुक रखने वाले इनके मामा के बेटे दानिश बदायूंनी, तारिक हुसैन, मुस्तफा हसन, साहब रजा रहते हैं, बाकी इनके बेटा अरमान खान, बेटी सोहा खान, साउना खान, पत्नी ज्योता वासु खान परिवार संग कोलकाता में रहते हैं। राशिद खान लगातार बरेली की खानकाहे नियाजिया में जाते थे। खानकाहे नियाजिया में उनकी आस्था थी।

उन्होंने हिंदी फिल्म जब वी मेट और माइ नेम इज खान जैसी फिल्मों में भी गाने गए जब वी मेट फिल्म में गया उनका गाना आओगे जब तुम बॉलीवुड के सदाबहार गीतों में शामिल किया जाता है।

इन्होंने बहुत से बंगाली गाने गाये जिनमें कुछ बहुत से पॉपुलर बॉलीवुड गाने तोरे बिना मोहे चैन नहीं ,आओगे जब तुम तो काफी पसंद किया जाता है । हिंदी फिल्मों में कादंबरी,शादी में जरूर आना आदि में अपनी आवाज का जादू चलाया है।

इन्होंने अनेक राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त किए जिसमे 2006 में पदम श्री,2022में पद्मभूषण से नवाजा गया। भारत सरकार द्वारा आपके खानदान के अन्य सदस्यों को भी अवार्ड से नवाजा जा चुका है जिसमे उस्ताद मुस्ताक हुसैन खां पदम भूषण, उस्ताद निसार हुसैन खान, पदम भूषण उस्ताद हाफिज अहमद पदम श्री, उस्ताद गुलाम मुस्तफा पदम , पदम , पद्म , उस्ताद गुलाम सादिक खान पदम श्री आदि लोग पुरस्कार प्राप्त कर चुके हैं।

शकील भारती संवाददाता

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