बदायूंँ। जिले में पीटीओ, एआरटीओ विभाग और ट्रैफिक पुलिस द्वारा ई-रिक्शा चालकों और ऑटो चालकों के बीच डर और भय का माहौल बना दिया गया है।
ई-रिक्शा चालकों के अनुसार, ट्रैफिक पुलिस और परिवहन विभाग की मिलीभगत से छोटे-छोटे कारणों पर 10,000 से लेकर 35,000 रुपये तक के चालान काटे जा रहे हैं। यह स्थिति गरीब चालकों के लिए असहनीय होती जा रही है, जो किसी तरह किश्तों पर ई-रिक्शा खरीदकर अपनी आजीविका चलाने की कोशिश करते हैं।
आज की एक गंभीर घटना में, एक ई-रिक्शा चालक—जिसके सभी कागजात पूरे थे—को फिर भी ट्रैफिक पुलिस द्वारा परेशान किया गया। अत्यधिक मानसिक तनाव में आकर वह व्यक्ति पेट्रोल की बोतल लेकर मंडी चौकी के पास पहुँचा और ट्रैफिक इंस्पेक्टर की मौजूदगी में खुद पर तेल छिड़क कर आत्महत्या का प्रयास किया। हालांकि मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने किसी तरह उसे बचाया और उसे सिविल लाइंस थाने ले जाया गया।
स्थानीय ई-रिक्शा चालकों का कहना है कि ट्रैफिक पुलिस और परिवहन विभाग द्वारा लगातार उत्पीड़न से उनका जीवन दूभर हो गया है। उन्हें रोजी-रोटी कमाना भी मुश्किल हो रहा है। अब आवश्यकता है कि शासन-प्रशासन इस मामले में संज्ञान ले और इस भ्रष्टाचार व अत्याचार पर लगाम लगाए।