बहजोई निवासी ममता देवी को मिला न्याय
संभल (बहजोई )। निवासी ममता देवी के पति ने अपने व्यापार के लिए एक्सिस बैंक से ऋण लिया था। इस ऋण की सुरक्षा के उद्देश्य से बैंक ने मैक्स लाइफ इंश्योरेंस कंपनी से ₹51,30,000 की जीवन बीमा पॉलिसी जारी कराई थी।
27 अगस्त 2023 को ममता देवी के पति की आकस्मिक मृत्यु हो गई। इसके बाद बैंक ने ऋण की वसूली के लिए ममता देवी पर दबाव बनाना शुरू कर दिया। इस पर ममता देवी ने बैंक से मांग की कि उनके पति की बीमा राशि का भुगतान कर ऋण खाता बंद किया जाए, और शेष राशि उन्हें वापस दी जाए।
लेकिन न तो बीमा कंपनी और न ही बैंक ने उनकी बातों पर कोई ध्यान दिया। इससे परेशान होकर ममता देवी ने उपभोक्ता मामलों के विशेषज्ञ अधिवक्ता लव मोहन वार्ष्णेय से संपर्क किया। उन्होंने ममता देवी की ओर से जिला उपभोक्ता आयोग में परिवाद दाखिल किया।
बीमा कंपनी ने दी आपत्तिजनक दलीलें
मामले की सुनवाई में बैंक की ओर से कोई भी उपस्थित नहीं हुआ, जिसके चलते उनके खिलाफ एकपक्षीय कार्यवाही की गई। वहीं बीमा कंपनी की ओर से बताया गया कि बीमित व्यक्ति स्वर्गीय कमल सिंह मधुमेह (डायबिटीज), टीबी आदि बीमारियों से पीड़ित थे, इसलिए उनकी पॉलिसी को अमान्य कर दिया गया है।
हालांकि, बीमा कंपनी पूर्व में मौजूद बीमारियों को प्रमाणित करने में असफल रही। इलाज से जुड़े जो दस्तावेज़ प्रस्तुत किए गए, उनमें न तो किसी डॉक्टर का नाम था और न ही रिपोर्ट के कॉलम पूरे भरे हुए थे।
अधिवक्ता लव मोहन वार्ष्णेय ने आयोग के समक्ष यह तर्क दिया कि बीमा कंपनी झूठे और मनगढ़ंत दस्तावेजों के आधार पर भुगतान से बचना चाहती है, जो प्रथम दृष्टया स्पष्ट है।
उपभोक्ता आयोग का महत्वपूर्ण निर्णय
दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद आयोग ने अपना फैसला सुनाया और मैक्स लाइफ इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड को आदेशित किया कि वह ममता देवी को ₹51,30,000 की बीमा धनराशि, परिवाद दायर करने की तिथि से 7% वार्षिक ब्याज सहित, दो माह के भीतर अदा करे।
साथ ही, बीमा कंपनी को मानसिक पीड़ा व आर्थिक क्षति के मद में ₹20,000 तथा वाद व्यय के रूप में ₹5,000 अतिरिक्त रूप से अदा करने का भी आदेश दिया गया।
यदि निर्धारित समयावधि में भुगतान नहीं किया गया, तो पूरी राशि पर 9% वार्षिक ब्याज देय होगा।