उदासी की पुरानी टहनियों पर नए पत्ते निकलना चाहते हैं
वो सारे लोग मेरे साथ आयें , जो ये मंज़र बदलना चाहते हैं – शरफ नानपरवी

बदायूँ में जब कोई साहित्यिक महफ़िल सजाई जाती है। यहां का साहित्यिक मे अपनी पहचान रखता है और यहां के अज़ीम कलाकारों का योगदान आंखों में घूमने लगता है । बदायूँ मुख्तलिफ हवालों से पूरी दुनिया में मुमताज़

अहमियत रखता है। चाहे वो हवाला शायरी का हो राजनीति का हो य क़व्वाली का हो य संगीत का नृत्य हो औलियाए किराम के नाम से बदायूं की अलग पहचान
है। सूफिइज़्म का हो य देशभक्ति का हो । इसी सिलिसले में हमारे यहां के मारूफ क़व्वाल मरहूम तालिब सुल्तानी साहब की याद में मौसिक़ी की एक खूबसूरत महफ़िल का कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसके लिए मरहूम तालिब सुल्तानी साहब के फ़रज़न्द आली जनाब आमिर सुल्तानी क़ाबिले मुबारकबाद है ।

एक शाम और तीन अज़ीम फनकार सूफ़ी सिंगर जुनैद सुल्तानी ग़ज़ल गायक सख़ावत हुसैन निशात, क़व्वाल दानिश हुसैन बदायूँनी ने अपनी आवाज़ अपने अंदाज और अपने अल्फ़ाज़ में मारूफ क़व्वाल मरहूम तालिब सुल्तानी को खिराजे अकीदत पेश किया ।

महफ़िल में शहर के मुअज़्ज़िज़ हज़रात में बिलखुसूस रुहेलखंड यूनिवर्सिटी वाइस चांसलर के.पी.सिंह , बदायूं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ. ओ.पी.सिंह, उद्योगपति खालिद परवेज, वरिष्ठ नेता फखरे अहमद शोबी , मशहूर सोशल एक्टिविस्ट व साहित्यकार डॉ कविता अरोड़ा , बदायूँ क्लब सचिव डॉ अक्षत अशेष , बदायूँ गौरव क्लब संयोजक अमन मयंक शर्मा , वैशाली फिल्म्स डायरेक्टर अशोक सक्सेना , . वरिष्ठ नेता साजिद खा , जावेद अली, गौहर अली, अरशद रसूल , अरशद उमर , उज्ज्वल वशिष्ठ
नितिन गुप्ता , सलीमुद्दीन एडवोकेट,भारत शर्मा, सैयद सरवर अली,शाहबाज हुसैन अंबर शब्बीर,डॉक्टर सलमान,अशफाक गाजी,रिदा खान,हिवा फूल खान, फैजुल साकिब,वीरेंद्र जाटव,जोएब असलम,राहुल गुप्ता,जमीर मोहम्मद, सिम्मी नजर,समीर खान,मुशीर अहमद,अमान अली और बिलखुसूस जनाब आमिर सुल्तानी साहब
की पूरी टीम का बहुत बहुत शुक्रिया
बदायूँ की अदबी शनाख़्त में इसी तरह और अध्याय जुड़ते रहेंगे ….
मैं अकेला ही चला था जानिबे मंज़िल मगर
लोग साथ आते गए और कारवाँ बनता गया ।




