बरेली में हुआ तरही मुशायरा , शायरों ने पेश किया अकीदत का इज़ह
बरेली । खानकाह शाहजी रफी़कउल औलिया में उर्से शाहजी व उर्से मुनीरी के मौके पर अज़ीमुश्शान तरही मुशायरा का आयोजन किया गया । मुशायरा की सदारत मुफ्ती सगीर अख्तर मिस्बाही ने व निज़ामत मशहूर शायर हिलाल बदायूँनी ने की । मुशायरा के बाद साहिबे सज्जादा हज़रत मोहिब मियाँ ने मौजूद तमाम लोगों के लिए दुआ फरमाई ।
मुशायरा में दिया गया मिसरा ‘ रफीकुल औलिया के उर्स का मंज़र सुहाना है , । इस मिसरे पर शिरकत करने वाले शायरों ने अपना अपना कलाम पेश किया ।
राहिल बरेलवी ने कहा
यही तो हुक्मे रब्बी है, यही फरमाने आका है ।
पड़ोसी है अगर भूखा उसे पहले खिलाना है ।
बिलाल राज़ ने कहा
कभी है नूर की बारिश कभी रहमत के झोंके हैं।
सुना है शहरे तैबा का हर इक मौसम सुहाना है ।
डॉक्टर अदनान काशिफ ने पढ़ा
लगा लो दिल शहे दीं से तो खुद ही जान जाओगे।
कहां से दिल हटाना है कहां पर दिल लगाना है ।
डॉक्टर अमन तिलियापुरी ने कहा
सुरूरो कैफ मिलता है नबी के ज़िक्र से हमको ।
हमारा मशगला नाते नबी सुनना सुनाना है ।
शबाब कासगंजवी ने कहा
तमन्ना है यही तो ताइरे तखवीले मोमिन की ।
वहीं परवाज़ करना है वहीं पर चहचहाना है ।
हाजी असरार नसीमी ने कहा
सरे महशर शुमारे नेको बद तो इक बहाना है ।
हक़ीक़त में खुदा को अज़मते आका दिखाना है ।
खालिद नदीम ने फरमाया
जहां मोमिन बनाने का हुआ है काम बरसों से ।
रफीकुल औलिया का ये क़दीमी कारखाना है ।
कन्वीनर मुशायरा दुलारे फारूकी ने कहा
ये फ़ैजे मुस्तफ़ाई है दुलारे शक नहीं कोई ।
रफीकुल औलिया के उर्स का मंज़र सुहाना है ।
निज़ामत कर रहे हिलाल बदायूँनी ने कहा
रफीकुल औलिया को तुम वली से दूर मत समझो ।
वली से शाहजी का आज भी मिलना मिलाना है ।
सदारत कर रहे मुफ़्ती सगीर अख्तर मिस्बाही
खुदा ने आपको मुख़्तारे कुल ऐसा बनाया है ।
अगर हाँ कह दे तो हाँ है अगर न कह दें तो ना है ।
मुशायरा में इनके अलावा हाफ़िज़ अबरार अहमद ज़ाहिद , सगीर बदायूँनी , फ़राज़ वज़ीरगंजवी , साबिर बरेलवी , असद मीनाई , आरिफ उस्मानी , साकिब रज़ा , मुहम्मद अली अल्वी , सगीर बुधौलयवी , रिज़वान बरेलवी , नज़र बरेलवी , रईस बुधौलयवी , दानिश वज़ीरगंजवी आदि इन भी कलाम पेश किया । महफ़िल में सज्जादा हज़रत मोहिब मियाँ , नायब सज्जादा हज़रत फय्यूख़ अहमद रफी़की, हसीन अहमद मुहम्मदी , मोलाना मोहम्मद सलीम क़दीरी ,फैजान रफीकी , जुनैद अहमद रफिक़ी, रज़ी अहमद रफी़की, फैज़ी मुमताज़, रिंकू अहमद ,गुड्डू (अय्यूब), ज़हीर अहमद अख़लाक रफी़की आदि मौजूद रहे।




