विधिक साक्षरता शिविर आयोजित कर महिलाओं को किया जागरुक

महिलाएं अपने विकास के लिए आएं आगेः अपर जिला एव सत्र न्यायाधीश

बदायूँ: 26 जुलाई। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नई दिल्ली एवं राष्ट्रीय महिला आयोग के संयुक्त तत्वाधान में एवं उ0प्र0 राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ के निर्देशानुक्रम में मा0 जनपद न्यायाधीश/अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, बदायूं के निर्देशानुपालन में जिला

विधिक सेवा प्राधिकरण, बदायूं द्वारा महिलाओं के हित के कानून से सम्बन्धित विधिक साक्षरता/जागरूकता शिविर का आयोजन जनपद बदायूं की तहसील सभागार सदर बदायूं में आयोजित किया गया।

शिविर का आयोजन अपर जिला एव सत्र न्यायाधीश/सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, बदायूं सारिका गोयल की अध्यक्षता में किया गया। कार्यक्रम के प्रारम्भ में कशिश

सक्सेना एल0ए0डी0सी0 द्वारा महिलाओं के हित संरक्षण के विषय में विस्तार पूर्वक बताया एवं कृष्णा देवी, अधिवक्ता/रिसोर्स पर्सन व संतोष कुमार सक्सेना, नामिका अधिवक्ता/रिसोर्स पर्सन, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, बदायूं द्वारा विस्तृत रूप में परिवार, क्रिमिनल, सिविल, लेबर एवं मोटर दुर्घटना से सम्बन्धित विधिक प्रावधानों के सम्बन्ध में जानकारियां देते हुये अपील की गयी कि महिलायें सजग एवं जागरूक रहें ताकि उनका उत्पीड़न न हो सके।

डाॅ0 अनामिका चैहान, स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ द्वारा महिलाओं के स्वास्थ्य के सम्बन्ध में जानकारियां दी गयीं एवं महिलाओं को सरवाईकल कैंसर के बारे में जागरूक किया गया। इसके अतिरिक्त वीडियो के माध्यम से सरवाईकल कैंसर के प्रारम्भिक लक्षण एवं सरवाईकल कैंसर की जांच एवं बचाव के बारे में विस्तार से जागरूक किया गया।

सीमा सिंह, एस0एच0ओ0 महिला थाना, बदायूं, द्वारा महिलाओं हेतु सरकार द्वारा चलायी जा रही पुलिस व्यवस्थाओं, हेल्प लाइन नम्बर 1090 के सम्बन्ध में विस्तृत रूप से जानकारियां दी गयीं। तहसीलदार सदर करनवीर सिंह द्वारा कार्यक्रम का संचालन करते हुये सरकारी योजनाओं एवं तहसील स्तर के प्रावधानों के सम्बन्ध में जानकारियां दी गयी। इसी क्रम में सुखलाल प्रसाद वर्मा, उप-जिलाधिकारी द्वारा सभी से अपील की गयी कि शिक्षा प्राप्त करने के साथ-साथ जागरूक रहना अति-आवश्यक है। सरकार द्वारा चल रही योजनाओं के बारे में विस्तार पूर्वक बताया।

अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश/सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, बदायूं सारिका गोयल द्वारा अपने वक्तव्य में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा आम जनता की विधिक सहायता से सम्बंधित विभिन्न पहलुओं व प्रक्रिया से अवगत कराया। इसके साथ ही नालसा तथा राष्ट्रीय महिला आयोग द्वारा महिलाओं के लिये किये जाने वाले कार्यों की चर्चा की। उन्होंने महिलाओं को अवगत कराया कि महिला सशक्तिकरण से वह अपने जीवन से जुडे सभी फैसले ले सकती है तथा समाज में अच्छी जगह बना सकती है। महिलाओं को अपने स्वयं के विकास के लिए आगे आना चाहिए। यदि उन पर अत्याचार होता है तो उसके विरूद्ध आवाज अवश्य उठानी चाहिए। क्योंकि कभी-कभी दहेज प्रताड़ना दहेज हत्या का रूप बन जाती है तथा लड़कियों के साथ की जाने वाली छेड़छाड़ बलात्कार जैसा जघन्य अपराध का रूप ले सकती हैं।

उन्होंने महिलाओं के विरूद्ध होने वाले विभिन्न अपराध दहेज प्रताडना, दहेज हत्या, छेड़छाड़, पाक्सो अधिनियम के प्रावधान, एसिड एटैक, अपहरण, महिलाओं की अवैध टेªफिकिंग आदि प्रावधानों को बताकर महिलाओं को जागरूक किया। इसी क्रम में उनके द्वारा बताया गया कि जिला विधिक सेवा प्राधिकरण का मुख्य उद्देश्य आपके छोटे-छोटे विवादों को समझौते के आधार पर निस्तारित कराना है, जिसके लिए जनपद न्यायालय परिसर में मध्यस्थता केन्द्र खुला हुआ है एवं इसके उपरान्त इस शिविर के अध्यक्ष की अनुमति से उक्त शिविर का समापन किया गया।

इस अवसर पर उप जिलाधिकारी सुखलाल प्रसाद वर्मा, तहसीलदार सदर करनवीर सिंह,एल0ए0डी0सी0 कशिश सक्सेना, स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ डाॅ0 अनामिका चैहान सहित अन्य पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी व बड़ी संख्या में महिलाएं एवं छात्राएं आदि उपस्थित रहे।

शकील भारती संवाददाता

 

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