बदायूं। में शुक्रवार को वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक बदायूं के निर्देशानुसार, अपर पुलिस अधीक्षक ग्रामीण, सहायक श्रमायुक्त बदायूं के निर्देशन में बदायूं में बालश्रम रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया।अभियान में थाना कोतवाली व थाना सिविल लाइन क्षेत्र , खेड़ा नवादा, मम्मन चौक, इंदिरा चौक आदि में मैकेनिक शॉप, होटल, रेस्टोरेन्ट, ढाबों, किराना स्टोर,स्टील वर्क्स आदि पर छापे मारे गए। कुल06 बाल श्रमिकों को चिन्हित कर बाल श्रम से अवमुक्त किया गया तथा बच्चों से काम लेने वाले सेवायोजकों के विरूद्ध निरीक्षण टिप्पणी जारी कर आवश्यक कार्यवाही की गई।
श्रम प्रवर्तन अधिकारी सतेंद्र कुमार मिश्र ने बताया कि खतरनाक प्रक्रिया के अंतर्गत दोषी पाए जाने वाले सेवायोजकों के विरूद्ध एक वर्ष तक की सजा या 50000/ रूपए तक का जुर्माना या दोनों से दण्डित किया जा सकता है, इसके अतिरिक्त सेवायोजक से प्रति बाल श्रमिक 20000/ रूपये की वसूली चाइल्ड लेबर वेलफेयर फंड हेतु प्रथक से की जायेगी तथा यदि कोई माता पिता भी अपने बच्चों को व्यवसायिक कार्य में संलग्न करेगा तो उनके विरूद्ध भी दंडात्मक कार्यवाही अपनाई जायेगी।
एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट प्रभारी विनोद कुमार वर्धन ने कहा कि बच्चों को शिक्षा के प्रति उत्साहित करें जिससे उसको शिक्षा से जोड़कर समाज की मूलधारा में जोड़ा जा सके। बाल श्रम कानूनी रूप से जुर्म है। बच्चों से कार्य कराने पर उनके भविष्य पर कुप्रभाव पड़ता है।
कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रन फाउंडेशन द्वारा चलाए जा रहे। प्रोजेक्ट”न्याय तक पहुंच”को संचालित करने वाली संस्था-काशी समाज शिक्षा विकास संस्थान बदायूं के प्रोजेक्ट मैनेजर गौरव शंखधार द्वारा कहा गया कि बाल श्रम बच्चों का बचपन छीन लेता है, कानूनन,दंडनीय अपराध है किसी बच्चे से बाल श्रम ना कराये उनका स्कूल में दाखिला कराये। अभियान श्रम विभाग से वरिष्ठ लिपिक विचित्र सक्सेना, मनीष, रूबेश, सुमित, काशी समाज विकास सस्थांन से गौरव शंखधार,कांस्टेबल रवि आदि मौजूद रहे।