– कोविड वैक्सीनेशन और अन्य स्वास्थ्य सेवाओं की खराब प्रगति पर डीएम नाराज
– बाल विकास के डीपीओ और कई स्वास्थ्य कर्मी रहे निशाने पर, डीएम ने दी चेतावनी
बहजोई। विभिन्न स्वाथ्य सेवाओं में प्रगति हद से ज्यादा खराब मिली है। कोविड टीकाकरण और अन्य कार्यक्रमों में अन्य विभाग भी सहयोग नहीं कर रहे हैं। इस पर डीएम ने सख्त नाराजगी जताई है। उन्होंने बाल विकास की सीडीपीओ रजपुरा के वेतन पर रोक लगाई और स्वास्थ्य कर्मियों को सुधरने की हिदायत दी है।
शनिवार को कलेक्ट्रेट सभागार में स्वास्थ्य विभाग से संबंधित बिभिन्न कार्यक्रमों की समीक्षा की गई। जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. पंकज विश्नोई ने बताया कि जिले में कोविड टीकाकरण की स्थिति बेहतर नहीं है। टीकों का पोर्टल पर ठीक से अपडेशन भी नहीं हो पा रहा है। जिले में 30 हज़ार डोज पोर्टल पर अपलोड नहीं की गई है। वैक्सीन मैनेजर अरशद रसूल ने बताया कि दो लाख से अधिक लोगों को दूसरी डोज नहीं लगी है। इसमें सरकारी कर्मचारी भी शामिल हैं।
जिला कार्यक्रम प्रबंधक संजीव राठौर ने विभिन्न योजनाओं में लाभार्थियों को भुगतान की स्थिति से अवगत कराया। सबसे खराब स्थिति जिला अस्पताल की रही। इसके अलावा कोविड वैक्सीनेशन, संचारी रोग अभियान, नियमित टीकाकरण, जननी सुरक्षा योजना, आयुष्मान भारत, प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना, आशा भुगतान आदि की विस्तार से समीक्षा की गई।
समीक्षा के दौरान कमीशन खोरी की बात भी सामने आई। इस पर डीएम का पारा और भी चढ़ गया। कार्यक्रमों की उपलब्धि खराब होने, आंगनवाड़ियों द्वारा सहयोग न करने पर रजपुरा के सीडीपीओ आनंद पटेल के वेतन पर रोक लगा दी, जबकि डीपीओ धर्मेंद्र मिश्रा को चेतावनी दी है।
डीएम ने पंवासा के बीपीएम अनुराग पाठक और असमोली के बीसीपीएम यतेंद्र को सेवा समाप्ति की चेतावनी दी है। यहां सीएमओ डॉ. अजय सक्सेना, डॉ. रामजी लाल, डॉ. दानिश सुहेल, रोहित सिंह, मानवेंद्र, अनस, जावेद, मनु तेवतिया, जया कौशल, अनुराग तिवारी, मुकेश शर्मा, रंजन बघेल, शोभित सिंह, एकांशु वशिष्ठ आदि मौजूद रहे।