हजरत इमाम हुसैन की शहादत को भुलाया नहीं जा सकता

 

बरेली। जुल्म,ज़्यादती,अन्याय,सामाजिक और धार्मिक बुराईयों के विरुद्ध आवाज बुलंद करने,मानवतावाद को बढ़ावा देने,क्रूरता को खत्म करने,अपनी सरजमीन और अपने लोगों को जालिमों के पंजे से आजाद कराने का सबक देती है करबला में हजरते इमामे हुसैन की शहादत–मुफ्ती सलीम बरेलवी।

भारत की जंगे आजादी लडने वाले स्वतंत्रता सेनानियो और योद्धाओं को भी प्रेरणा देती थी कर्बला में नवासा ए रसूल की जंग

आज दरगाह आला हज़रत इस्थित मदरसा मंज़र-ए-इस्लाम में शहीदाने करबला और नवासा-ए-रसूल हजरते इमामे हुसैन रदीयललाहु अनहो के यौमे शहादत पर मदरसे के छात्रो ने रोजा रखा और उनकी याद में एक कार्यक्रम आयोजित कर खिराजे अकीदत पेश किया। जिक्रे शहीदाने कर्बला की इस महफ़िल की सरपरस्ती दरगाह प्रमुख हज़रत मौलाना मोहम्मद सुब्हान रजा खान सुब्हानी मियां ने व सदारत सज्जादानशीन हजरत मुफ्ती मोहम्मद अहसन मियॉ ने की।
मीडिया प्रभारी नासिर कुरैशी ने बताया कि मदरसा छात्रो की ओर से आयोजित इस कार्यक्रम में मदरसा मंजरे इस्लाम के वरिष्ठ शिक्षक मुफ्ती मोहम्मद सलीम बरेलवी ने बताया कि करबला में यजीदी फौज से हजरत इमामे हुसैन ने मात्र अपने चंद शहजादों,घरवालों और साथियों के साथ जो लोहा लिया वह पूरी दुनिया के इतिहास की अनुठी मिसाल है जिस ने पूरे इस्लामी जगत को झिंझोड कर रख दिया। उन्होंने कर्बला में अपनी और अपने परिवार की शहादत व कुरबानी देकर जुल्म,अन्याय,ज़्यादती,अधिकारो के हनन,सामाजिक व धार्मिक बुराई के विरुद्ध आवाज बुलंद करने,अपने सामाजिक व धार्मिक हितो की रक्षा,अपनी सरजमीन और अपने धर्म अपने लोगो की हिफाजत करने, हिंसात्मक सोच को पराजित करने,गैर कानूनी और गैर इंसानी गतिविधियो पर रोक लगाने के लिए संघर्ष करने वालो के लिए एक मिसाल कायम कर के हमेशा के लिए उन्हे जज्बा और हौसला दे दिया।
हम अगर सच्चे हुसैनी हैं तो हमें हजरत इमामे हुसैन के तरीके व रास्तों पर चलते हुए बुराईयो से लडना होगा,समाजिक बुराई खत्म करने,समाज को बेहयाई, शराब,जुए,नशे व ड्रग्स,चोरी,सट्टे, हत्या और दुष्कर्म जैसी बीमारियो से बचाने के लिए प्रयासरत रहना होगा। धर्म व शरीयत और मजहब व मसलक के बताए उसूलों पर भी चलना होगा और अपने मुल्क के कानून और संविधान पर भी अमल करना होगा। जंगे आजादी में भारत को आजाद कराने के लिए हमारे जिन योद्धाओं और स्वतन्त्रता सेनानियों ने अपने लहु की कुर्बानी दी,अपने घर व परिवार और जमीन जायदाद की कुर्बानी दी उन महावीरों को यह जज्बा देने में कर्बला की जंग में हजरते इमामे हुसैन की कुर्बानी व शहादत की मिसाल का अहम किरदार था। भारत की आजादी की जंग लडने वाले अपने योद्धाओं और महावीरों को इमामे हुसैन की शहादत और कर्बला की जंग के किस्से सुनाते और स्वतंत्रता सेनानियो के अंदर भारत की आजादी की जंग लडने का जोश व जज़्बा पैदा करते।

शकील भारती ब्यूरो चीफ

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