
संभल । आमतौर पर हम सभी बाजार से कंपनी द्वारा ब्रांडेवड चीजों को खरीद कर उसका उपभोग कर लेते हैं कभी भी हम यह नहीं देखते कि अमुक पैकिंग पर यदि 1

किलो वजन लिखा है तो 1 किलो को है। भी अथवा नहीं इसी तरह बहजोई निवासी अधिवक्ता लव मोहन वार्ष्णेय ने एक तुलसी खजूर का पाउच जो कि आमतौर पर हर व्यक्ति सुपारी के तौर पर खा लेता है वह खरीदा उस पैकेट पर पैकेट का मूल्य ₹10 तथा वजन 6 प्लस 2 बराबर 8 ग्राम था परंतु जब उन्हें कुछ शक हुआ तो उन्होंने उस पैकेट को एक सर्राफ की दुकान पर तोल कर देखा तो पाया कि अंकित वजन 8 ग्राम की जगह मात्र 4 ग्राम वजन मय रेपर के है। जिसकी शिकायत उन्होंने तुलसी खजूर के उत्पादक कंपनी धर्मपाल सत्यपाल एंड संस प्राइवेट लिमिटेड नई दिल्ली के टोल फ्री नंबर पर शिकायत दर्ज कराई टोल फ्री नंबर पर शिकायत दर्ज कराने के उपरांत उसका निस्तारण का आश्वासन दिया गया परंतु जब उसकी सुनवाई नहीं हुई तो उन्होंने आयोग का दरवाजा खटखटाया और आयोग ने कंपनी को तलब किया तलब करने के उपरांत भी कंपनी की ओर से कोई उपस्थित नहीं हुआ तो आयोग के अध्यक्ष राम अचल यादव व सदस्य आशुतोष ने परिवाद की सुनवाई एकतरफा सुनते हुए एकपक्षीय आदेश परिवादी अधिवक्ता लव मोहन वार्ष्णेय के पक्ष में सुनाते हुए कंपनी को आदेश किया कि वह ₹15000 क्षतिपूर्ति के रूप में 2 माह के अंदर अदा करें अन्यथा उक्त धनराशि पर परिवाद संस्थान की तिथि से बास्तविक अदायगी की तिथि तक 9% बार्षिक ब्याज भी देय होगा यह एक जागरूक उपभोक्ता के लिए आवश्यक है। हम जिन चीजों का उपयोग करते हैं उसके प्रति हमें जागरूक रहना चाहिए अमुक ब्रांड कंपनी पर अंकित मूल्य वजन आदि की जांच करना ही एक जागरूक उपभोक्ता का कर्तव्य है।


