नेपाल से दरगाह पहुँचा उलेमा का दल

बरेली । नेपाल के सुन्नी मुसलमान हिंदुस्तान के आला हज़रत इमाम अहमद रज़ा बरेलवी को मानते हैं अपना सबसे बड़ा दीनी रहनुमा: मुफ़्ती सलीम बरेलवी।

मरकज़े अहले सुन्नत दरगाहे आला हज़रत बरेली शरीफ़ यू0 पी0 इण्डिया को नेपाल के सुन्नी मुसलमान मानते हैं अपना सबसे बड़ा रूहानी व इल्मी केन्द्र:मौलाना फुल मोहम्मद नेपाली।

सुन्नी बरेलवी सूफ़ी ख़ानक़ाही विचारधारा के विश्वव्यापी सबसे बड़े केन्द्र दरगाहे आला हज़रत पर हाजरी देने तथा दरगाह प्रमुख हज़रत सुब्हानी मियॉ और सज्जादानशीन हजरत मुफ़्ती अहसन मियॉ मिलने नेपाल के प्रदेश नम्बर एक और दो के सुन्नी आलिमों,लेखकों, विद्वानों और मुफ़्तियों का एक दल बरेली आया। मंजरे इस्लाम मे उनके साथ एक आलिमों की एक बैठक हुई जिसको संबोधित करते हुए मुफ़्ती मुहम्मद सलीम बरेलवी ने बताया कि हम ने दिनांक 17-11-2021 से 23-11-2021 तक नेपाल के प्रदेश नम्बर 1 और नेपाल के प्रदेश नम्बर 2 का एक तूफ़ानी दौरा किया। प्रदेश नम्बर 2 के 8 जनपदों तथा प्रदेश नम्बर 1 के 3 जनपदों की नगर पालिकाओं और गांव पालिकाओं में उनका जाना हुआ, लगभग 200 मदरसों, मस्जिदों और 150 से ज़्यादा गांव, देहातों, क़स्बों और शहरों में वह गये हज़ारों की संख्या में इन जगहों के नेपाली सुन्नी मुसलमानों के साथ उन्होंने सभायें और बैठकें कीं। इस दौरे से लौटने के बाद मरकज के जिम्मेदार हज़रात को हम ने बताया कि नेपाल के सारे सुन्नी सूफ़ी विचारधारा रखने वाले मुसलमान हिंदुस्तान के आला हज़रत इमाम अहमद रज़ा ख़ान फ़ाजि़ले बरेलवी अलैहिर्रहमा को अपना पेशवा, इमाम और रहनुमा मानते हैं हिंदुस्तान के शहर बरेली शरीफ़ को वह अपना मज़हबी केन्द्र मानते हैं।
दल में शामिल नेपाल के उर्दु कवि, लेखक और आलिम मौलाना फुल मोहम्मद नेमत रजवी नेपाली ने अपने सम्बोधन मे कहा कि हमारे यहाँ के नेपाली मुसलमानों ने मुफ़्ती सलीम बरेलवी और मौलाना शहाबुद्दीन रज़वी को बताया कि हमें जो दीन और मज़हबे इस्लाम की शिक्षा व दीक्षा मिली है तो वह आला हज़रत की किताबों, आला हज़रत के ख़ानदान के बुज़ुर्गों, उनके ख़लीफ़ाओं और मंज़रे इस्लाम से शिक्षा लेकर नेपाल में आये नेपाल के सुन्नी आलिमों से। इसलिये हम चाहते हैं कि हमारे पूर्वजों की तरह हमारा रिश्ता भी हिंदुस्तान में स्थित सुन्नियों के केन्द्र बरेली शरीफ़ से मज़बूत रहे। मंज़रे इस्लाम बरेली शरीफ़ से शिक्षा प्राप्त करते रहें। दरगाहे आला हज़रत बरेली इण्डिया जाकर रूहानी फ़ैज़ हासिल करते रहें। नेपाल के मुसलमानों ने मुफ़्ती सलीम को यह भी बताया कि हमारी यह तमन्ना है कि हमारे रिश्ते हमेशा हिंदुस्तान की ख़ानक़ाहों ख़ासकर सुन्नियों के केन्द्र बरेली शरीफ से अच्छे रहें और हमें वहाँ आने जाने तथा बरेली शरीफ़ के मुफि़्तयों, पीरों, बुज़ुर्गों को नेपाल आने जाने में कोई दिक़्क़त न हो। हमारे बच्चों को बरेली या इण्डिया के सुन्नी मदरसों में जाकर पढ़ने और शिक्षा प्राप्त करने में कोई परेशानी न हो इसके लिये दोनों ही मुल्कों के जि़म्मेदारों को आसान तरीक़ा अपनाने की ज़रूरत है। मुफ़्ती सलीम ने बताया कि हमारा प्रयास है कि नेपाल के सुन्नी मुसलमानों के रिश्ते मरकजे़ अहले सुन्नत बरेली शरीफ़ यू0 पी0 इण्डिया से ख़ूब मज़बूत कर दें इसीलिए हम भारत व नेपाल उल्मा इत्तेहाद काॅन्फ्रेंसों का नेपाल व भारत में आयोजन कराते रहेंगे कभी बरेली में तो कभी नेपाल में। दरगाह के मीडिया प्रभारी नासिर कुरैशी ने बताया कि नेपाल के प्रतिनिधिमण्डल में मुफ्ती महबूब आलम दराँग,मौलाना मुजाहिद सिरहा,मौलाना अख्तर सुनसरी,मौलाना जमाल जनकपुर धाम,मुफ्ती तौसीफ सपतरी,मुफ्ती मोइन महोतरी आदि शामिल थे।

 

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