
बदायूं, 21 फरवरी – भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) के नेतृत्व में किसानों ने कर्ज माफी और सिंथेटिक मेंथा ऑयल के विरोध में बुधवार को बड़ा आंदोलन किया। सुबह से ही सैकड़ों किसान मालवीय आवास गृह पर एकत्र हुए, जहां उन्होंने लंगर चखा और महापंचायत में भाग लिया। दोपहर 3 बजे किसानों ने जलूस निकालकर डीएम कार्यालय का घेराव कर दिया, जिससे प्रशासन में हड़कंप मच गया।

किसानों की मुख्य मांग कर्ज माफी और सिंथेटिक मेंथा ऑयल पर प्रतिबंध लगाना है। किसान नेताओं का कहना है कि सरकार किसानों पर कर्ज को लेकर कठोर कार्रवाई कर रही है, जबकि गन्ना मिल मालिकों का करोड़ों रुपये का भुगतान बकाया है।
सिंथेटिक मेंथा से हो रही किसानों की बर्बादी
मंडल प्रवक्ता राजेश कुमार सक्सेना ने कहा कि सरकार ने नकली मेंथा ऑयल बाजार में उतारकर किसानों को बर्बाद करने का काम किया है। बदायूं का किसान मेंथा की खेती से खुशहाल था, लेकिन अब वह संकट में है।

बैंकों की मनमानी के खिलाफ आक्रोश
जिलाध्यक्ष रामाशंकर शखधार ने बैंकों पर किसानों से अवैध वसूली का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि केसीसी (किसान क्रेडिट कार्ड) पर 10% तक रिश्वत खुलेआम ली जाती है और बिना दलाली के कोई काम नहीं होता। किसानों ने मांग की कि बैंकिंग व्यवस्था की जांच कराई जाए।
प्रशासन की पहल से धरना समाप्त
करीब एक महीने से जारी कर्ज माफी आंदोलन को सिटी मजिस्ट्रेट सुरेश पाल के हस्तक्षेप के बाद समाप्त कर दिया गया। उन्होंने किसानों से ज्ञापन लेकर आश्वासन दिया कि उनकी मांगों को सरकार तक पहुंचाया जाएगा।
25 फरवरी को पीलीभीत में महापंचायत
राष्ट्रीय प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत 25 फरवरी को पीलीभीत में महापंचायत करेंगे, जहां बदायूं के किसान भी अपने मुद्दे उठाएंगे।
इस आंदोलन में मंडल उपाध्यक्ष चौधरी सौदान सिंह, जिलाध्यक्ष रामाशंकर शखधार, ठाकुर अजय पाल सिंह, पंडित राम कुमार शर्मा, अर्जुन सिंह, जुगल किशोर यादव समेत सैकड़ों किसान मौजूद रहे।

शकील भारती संवाददाता