नपा परिसर में कवि सम्मेलन व मुशायरे का आयोजन

कवियों और शायरों ने राष्ट्रभक्ति की रचनाओं से सदन को किया भाव-विभोर

बदायूँ। स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष्य में नगरपालिका परिसर में भव्य कवि सम्मेलन एवं मुशायरे का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के संयोजक समाजसेवी अशोक खुराना रहे तथा अध्यक्षता आशा राठौर ने की। शुभारंभ राजवीर सिंह तरंग ने सरस्वती वंदना से किया, जिसके बाद अहमद अमजदी ने नाते पाक पेश की।

कवियों और शायरों ने एक से बढ़कर एक राष्ट्रभक्ति से ओत-प्रोत रचनाएं प्रस्तुत कर उपस्थित जनसमूह को भाव-विभोर कर दिया।

प्रमुख प्रस्तुतियां इस प्रकार रहीं:

  • ललतेश ललित
    आजादी का मोल समझ लो कुछ तो तुम सम्मान करो,
    लड़ी लड़ाई जिन वीरों ने उन पर तुम अभिमान करो।
  • अशोक खुराना
    दिया हमें जिस देश ने, तन भोजन धन मान,
    आओ हम भी कुछ उसे, लौटाएं श्रीमान।
  • अहमद अमजदी
    हिन्दोस्ताँ की आन पे कुर्बान हो गये,
    वो लोग इस जहान में जीशान हो गये।
  • शम्स मुजाहिदी बदायूंनी
    मादरे-हिन्दोस्ताँ तेरा कोई सानी नहीं,
    माँग में भरती है सोना तेरे सूरज की किरन।
  • षटवदन शंखधार
    आरती उतारी भारती की प्राणदीप द्वारा,
    गिनोगे तो दीप वो गिनाये नहीं जाएंगे।
    इस देश भर में हुए जो बलिदान लोग,
    राष्ट्र द्वारा कभी वो भुलाये नहीं जाएंगे।
  • असरार मुजतर
    वतन पर जिंदगानी अपनी हम कुर्बान कर देंगे,
    निछावर देश की इज्जत पे अपनी जान कर देंगे।
  • डा. अरविन्द धवल
    टेलीविज़न पे दुनिया ने रौद्र रुप देखा,
    व्योमिका में जैसे कि समाई शेरावाली है।
    धूल चटा है तुझे खानदानी सैनिक ने,
    सोफिया कुरैशी अष्ट भुजा महाकाली है।
  • चन्द्रपाल सिंह सरल
    वैसे तो हट गई गुलामी फिर भी रखना याद,
    नब्बे फीसद लोग अभी तक हुए नहीं आजाद।
  • डॉ. नासिर
    हंस कर पिया जिन्होंने शहादत का जाम है,
    भारत के उन शहीदों को मेरा सलाम है।
  • शैलेंद्र देव
    आज़ादी का जश्न उसी दिन असली ज़ीनत पाएगा,
    हर बंदा जब अपने घर में चैन की रोटी खाएगा।
  • जयवीर चंद्रवंशी
    अपनी माटी अपनी भाषा पर जीवन कुर्बान,
    एक सूत में भाई चारा बांधे हिंदुस्तान।।
  • समर बदायूंनी
    बात ये चुपके से कह दी मैंने सबके कान में,
    उसके दिल में रहता हूं वो है मेरी जान में।
  • मुहम्मद सग़ीर
    जनता को पैग़ाम सुनाने आए हैं,
    आज़ादी का जश्न मनाने आए हैं।।
  • अमन मयंक शर्मा
    ख़्वाजा पिया हो, कृष्ण हो, नानक हो या हो राम,
    हर शख्सियत महान हमारे वतन की है।
  • राजवीर सिंह तरंग
    महान हिंद देश के युवांश कर्णधार हों,
    नज़ीर हों विकास की सुकर्म कंठहार हों।
  • सय्यद अमान
    कुछ भी बिगाड़ पाएगा दुश्मन न आपका,
    जब तक अमान मां की पहरेदारी रहेगी।

इसके अतिरिक्त राजकुमार राय, अय्यूब खाँ आदि कवियों ने भी काव्य पाठ किया।

कार्यक्रम का संचालन पवन शंखधार ने किया। इससे पूर्व नगर पालिका की ओर से मुहम्मद खालिद एवं नवेद गनी ने सभी कवियों व शायरों का माल्यार्पण कर डायरी एवं पेन भेंटकर सम्मानित किया।

इस अवसर पर जुनेद, ताहिर, पालिका कार्यालय अधीक्षक मुहम्मद खालिद, नवेद गनी, साहिर, सैय्यद नदीम अली, जहांगीर, मकसूद तथा सभासद अरविंद राठौर सहित अनेक गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।


शकील भारती संवाददाता

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