वैक्सीनशन में लापरवाही पर कार्रवाई तय

– जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक में डीएम ने दिए निर्देश

संभल। कोविन पोर्टल पर कोविड वैक्सीनेशन की रिपोर्टिंग ठीक नहीं होने पर डीएम ने नाराजगी जताई है। उन्होंने कहा कि सही काम की रिपोर्टिंग भी ज़रूरी है। इसमें लापरवाही करने वालों के खिलाफ सख्त करवाई की जाएगी।
शनिवार को कलेक्ट्रेट सभागार में जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक में विभिन्न योजनाओं की समीक्षा की गई। सीएमओ डॉ. अजय सक्सेना ने बताया कि मेगा अभियान में 39600 के सापेक्ष 33428 यानी 84 प्रतिशत कोविड के टीके लगे। कोविन पोर्टल पर 25627 यानी 65.7 प्रतिशत टीके दर्ज हुए हैं। इससे प्रदेश स्तर पर छवि खराब हो रही है।
वैक्सीन मैनेजर अरशद रसूल ने कोविड टीकाकरण की फीडिंग में लापरवाही के बारे में बताया। इस पर डीएम संजीव रंजन ने नाराजगी जताई और लापरवाही पर सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए।

इसके अलावा आयुष्मान भारत, जननी सुरक्षा, आरसीएच पोर्टल, मातृ मृत्यु दर, परिवार नियोजन, बायो मेडिकल वेस्ट, प्रधानमंत्री मातृ वंदन योजना की विस्तार से समीक्षा की गई।
डीपीएम संजीव राठौर, एसएमओ डॉ. दानिश, डीएमसी रोहित सिंह, रत्नेश ने विभिन्न प्रकार का समीक्षात्मक डाटा प्रस्तुत किया। योजनाओं में उपलब्धि कम होने पर डीएम ने चिकित्सा अधीक्षकों को सुधार के निर्देश दिए। यहां सीडीओ उमेश त्यागी, डॉ. रामजी लाल, डॉ. पंकज विश्नोई, डॉ. विश्वास, डॉ. मनीष, डॉ. मनोज, केपी सिंह, मनु तेवतिया आदि मौजूद रहे।

अस्पतालों में खुलेगी कैंटीन:

जिले के सभी अस्पतालों में जच्चा महिलाओं के लिए कैंटीन खोली जाएगी। डीएम ने कहा कि डिलीवरी के बाद महिलाओं को 48 घंटे रोका जाए। उनके खाने की व्यवस्था के लिए कैंटीन खोली जाए। इस दौरान सारी योजनाओं का लाभ देकर ही उसको घर भेजा जाए।

निष्क्रिय आशाओं पर कार्रवाई:

जुनावई के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. विरास ने निष्क्रिय आशाओं को हटाने का प्रस्ताव रखा। उन्होंने बताया कि दीपा, रत्नेश, आरती, पूनम, गीता शर्मा आदि आशाओं की वजह से काम खराब हो रहा है। इस पर डी एम ने आशाओं को हटाने का अनुमोदन किया।
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