उर्से रज़वी में शामिल होने न आये महिलाएं: अहसन मियां

आला हज़रत ने भी महिलाओं को मज़ार पर हाज़िरी देने से मना फरमाया

बरेली। दरगाह आला हज़रत के सज्जादानशीन मुफ्ती अहसन रज़ा क़ादरी (अहसन मियां) ने उर्स में आने वाले सभी ज़ायरीन से अपील करते हुए कहा कि अकीदतमंद अपने साथ महिलाओं को न लाये। दरगाह पर उलेमा व अकीदतमंद की बड़ी भीड़ के मद्देनजर महिलायों के लिये इंतेज़ाम नही हो पाते है। ख़ानक़ाह-ए-रज़विया की रिवायत भी रही है कि यहाँ कभी उर्स में शिरकत करने महिलायें नही आती। साथ ही महिलाओं से भी कहा गया है वो लोग अपने-अपने घरों में ही उर्से रज़वी करें। घर से ही इसाले सवाब,फातिहा व दुआ करें। महिलाएं व जो लोग नही आ सकते है उनके लिए दरगाह की ओर से लाइव ऑनलाइन ऑडिया प्रसारण की व्यवस्था दरगाह की वेबसाइट पर हर साल की जाती है इस साल भी यही व्यवस्था रहेगी। वह लोग घर बैठे उर्स के सभी कार्यक्रम सुन सकते है। आगे कहा कि मज़हब-ए-इस्लाम औरतो को पर्दे में रहकर घर मे ही इबादत करने का हुक्म देता है। जब औरतो को मस्जिद में जाकर नमाज़ पढ़ने की इजाज़त नही तो फिर मज़ारों पर हाज़री की कैसे इजाज़त दी जा सकती है। मुफ्ती अहसन मियां ने आला हज़रत का हवाला देते हुए कहा कि आला हज़रत ने औरतो को मज़ारों पर जाने और हाज़री देने से मना फरमाया। दरगाह प्रमुख हज़रत मौलाना सुब्हान रज़ा खान (सुब्हानी मियां) की ओर से भी हर साल दरगाह से जारी होने वाले पोस्टर में ज़ायरीन से अपील की जाती है कि लोग अपने साथ महिलाओं का न लाये। मीडिया प्रभारी नासिर कुरैशी ने बताया कि सज्जादानशीन मुफ्ती अहसन मियां की अपील को हिंदुस्तान भर के ज़ायरीन तक सोशल मीडिया के ज़रिए भेजा जा रहा है।

शकील भारती संवाददाता

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