बच्चों से दुकानों पर काम करना कानूनी अपराध

 भिक्षावृत्ति एवं सड़क पर जीवन यापन करने वाले बच्चों के सम्बन्ध मे चलाया अभियान

 बदायूं। में आयोग द्वारा चलाये जा रहे बाल श्रम उन्मूलन, बाल तस्करी, बाल भिक्षावृत्ति एवं सड़क पर जीवन यापन करने वाले बच्चों के सम्बन्ध मे रेस्क्यू अभियान, के अन्तर्गत जनपद बदायूं के कस्वा वजीरगंज में बालश्रम रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया। अभियान में थाना वजीरगंज क्षेत्र में मैकेनिक शॉप, होटल, रेस्टोरेन्ट, ढाबों, किराना स्टोर, स्टील वर्क्स आदि पर छापे मारे गए। कुल 07 बाल श्रमिकों को चिन्हित किया गया तथा बाल श्रम से अवमुक्त करते हुए उनके परिजनों को सुपुर्द करते हुये हिदायत की गयी तथा बच्चों से काम लेने वाले सेवायोजकों के विरूद्ध निरीक्षण टिप्पणी जारी कर आवश्यक
कार्यवाही की गई। श्रम प्रवर्तन अधिकारी श्री सतेंद्र कुमार मिश्र ने बताया कि खतरनाक प्रक्रिया के अंतर्गत दोषी पाए जाने वाले सेवायोजकों के विरूद्ध एक वर्ष तक की सजा या 50000 रूपए तक का जुर्माना या दोनों से दण्डित किया जा सकता है, इसके अतिरिक्त सेवायोजक से प्रति बाल श्रमिक 20000 रूपये की वसूली चाइल्ड लेबर वेलफेयर फंड हेतु प्रथक से की जायेगी तथा यदि कोई माता पिता भी अपने बच्चों को व्यवसायिक कार्य में संलग्न करेगा तो उनके विरूद्ध भी दंडात्मक कार्यवाही अपनाई जायेगी । एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट प्रभारी श्री मनोज कुमार वर्मा ने कहा कि बच्चों को शिक्षा के
प्रति उत्साहित करें जिससे उसको शिक्षा से जोड़कर समाज की मूलधारा में जोड़ा जा सके । बाल श्रम कानूनी रूप से जुर्म है। बच्चों से कार्य कराने पर उनके भविष्य पर कुप्रभाव पड़ता है । उक्त अभियान के दौरान महिला कल्याण विभाग से रवि कुमार संरक्षण अधिकारी, चाइल्ड हेल्पलाइन से कमल शर्मा परियोजना समन्वयक, श्रम विभाग से वरिष्ठ लिपिक श्री विचित्र सक्सेना, रूबेश, सुमित, गोपी दास व थाना ए0एच0टी0 से है0का0 रामबाबू नागर, भी सक्रिय रूप से कार्यवाही में सम्मिलित व मौजूद रहे।

शकील भारती संवाददाता

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